Everything about ATM in Hindi language. History of ATM, card types, usage & safety tips while using ATM machine.

एटीएम की जानकारी, उपयोग नियम व सावधानियां – ATM Basic Information in Hindi.

आज के समय में ATM कार्ड सबकी जेब में एक छोटा सा स्थान घेरे रहता है, प्लास्टिक का यह छोटा सा टुकड़ा एक चाबी की तरह है जिसके इस्तेमाल से हम अपने बैंक खाते में से पैसा निकाल सकते हैं। यह केवल एक आधारभूत सेवा है जो एटीएम कार्ड के इस्तेमाल द्वारा संभव है पर आज कल धन निकाशी के अलावा अन्य वित्तीय सेवाएं भी हैं जो इस छोटे से कार्ड द्वारा उपलब्ध की जा सकती हैं।

आगे हम ATM Card और इसके इतिहास और इस्तेमाल के बारे में जानेंगे। साथ ही आपको कार्ड सम्बन्धी कुछ सावधानी और सुरक्षा की जानकारी भी देने का प्रयास करते हैं।

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एटीएम का हिंदी में अर्थ-ATM Meaning in Hindi

ATM का अंग्रेजी अर्थ है Automated Teller Machine, शार्ट फॉर्म में इसे एटीएम कहा जाता है। यदि हम शुद्ध हिंदी में जानना चाहें तो इसे स्वचालित गणक मशीन कहेंगे। आधुनिक एटीएम मशीन लगभग वह सभी कार्य कर सकती है जो बैंक Teller अथवा बैंक केशियर/क्लर्क करते हैं। उदहारण के लिए धन निकाशी , धन जमा , बिल पेमेंट , मोबाइल रिचार्ज आदि।

सर्वप्रथम बैंक एटीएम कार्ड का इस्तेमाल अमेरिका में सिटी बैंक के ग्राहकों ने ईस्वी 1961 में किया, पर शुरू में ग्राहकों ने इसमें खास रूचि नहीं दिखाई और कुछ समय बाद यह प्रोजेक्ट ठन्डे बस्ते में चला गया।

दूसरा और सफल प्रयोग ईस्वी 1967 में लंदन में बार्कलेज बैंक ने किया और इसबार प्रयोग सफल रहा तथा उसके बाद धीरे-धीरे यह तकनीक विश्वभर में फ़ैल गई।

भारत में 1987 में बम्बई में HSBC बैंक ने पहला एटीएम स्थापित किया। सन 2000 तक भारत में इस टेक्नोलॉजी का सिमित प्रोयग ही हो सका, पर उसके बाद निजी बैंकों के आगमन के साथ ही यह तेज़ी से फैला और जन-जन की पहुँच में आ सका। आज छोटे से छोटे बैंक के ग्राहकों को यह सुविधा उपलब्ध है।

एटीएम कैसे काम करता है? – How ATM works? – in Hindi.

यह सवाल जिज्ञासु मन में जरूर आता होगा की एटीएम नेटवर्क कैसे काम करता है? कैसे करोड़ों बैंक खाता धारकों और उनके लेनदेन का हिसाब रखता है? आइये समझते हैं।

शुरुआत में एटीएम मशीन बैंक के डाटा सर्वर से टेलीफोन लाइन द्वारा जुड़ी होती थी, आजकल इंटरनेट लीज लाइन या VPN network द्वारा कनेक्टेड रहती हैं। ATM मशीन अपने आप में एक डाटा टर्मिनल मशीन के रूप में काम करती हैं। जहाँ ग्राहक अपने कार्ड और सीक्रेट पिन नंबर की प्रविष्टि करने के बाद लेन-देन कर सकता है।

ATM मशीन में 4 तरह के आउटपुट डिवाइस और 2 तरह के इनपुट डिवाइस लगे होते हैं, जिनका वर्णन कुछ इस प्रकार है।

एटीएम इनपुट डिवाइस – ATM Input Devices

  1. कार्ड रीडर – यह वह स्थान है जहाँ आप अपना कार्ड डालते हैं, मशीन कार्ड को रीड करने के पश्चात वापस आपको इसी मार्ग से लौटा देती है।
  2. कीपैड – Keypad माध्यम है PIN नंबर एंट्री कर अपनी पहचान को सत्यापित करने और सेवा के चयन करने का।

एटीएम आउटपुट डिवाइस – ATM Output Devices

  1. डिस्प्ले या मॉनिटरयह एटीएम की डिस्प्ले स्क्रीन है जिसपर आपको आपके लेनदेन और अन्य सभी कार्यों का ब्यौरा नजर आता है।
  2. रसीद प्रिंटर – आपके लेनदेन का ब्यौरा लिखित रूप से कागज़ी रशीद पर छप कर यहाँ से निकलता है।
  3. स्पीकर – आज कल नई एटीएम मशीन में स्पीकर भी लगा रहता है जो आपके हर स्टेप से जुडी जानकारियां ध्वनि रूप में उद्घोषित करता है। संभवत यह सुविधा दिव्यांग जनों को ध्यान में रख कर शुरू हुई है। इसके अलावा कीपैड पर ब्रेल लिपि में भी नंबर लिखे होते हैं।
  4. नकद निकासी द्वार – यह सबसे महत्वपूर्ण स्थान है जहां से करारे नोट निकलते हैं।
सम्बंधित पोस्ट:  UPI क्या है और कैसे इस्तेमाल होता है? UPI in Hindi

एटीएम कार्ड के प्रकार – Types of Cards used in ATM

  1. डेबिट कार्ड (Debit Card) – इस प्रकार का कार्ड आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है, हर लेनदेन आपके खाते में उपलब्ध राशि के हिसाब से ही होता है।
  2. क्रेडिट कार्ड (Credit Card) – क्रेडिट कार्ड भी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी किये जाते हैं, यह एक प्रकार का उधार है जो इस्तेमाल के बाद मासिक पेमेंट द्वारा चुकाया जाता है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करें।
  3. कार्ड जारीकर्ता – मुख्यतः पांच बड़ी कार्ड जारीकर्ता कम्पनियाँ हैं जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं, American Express, Mastercard, VISA, Discover और RuPay.

RuPay  कार्ड भारत सरकार का अपना ब्रांड है। जो लगभग सभी जगह स्वीकार्य है।

बैंक या जारीकर्ता वित्तीय संस्था विभिन्न कार्डों को जारी करने की एवज में सालाना फीस भी ले सकती हैं , वहीँ कुछ कार्ड मुफ्त में इशू किये जाते हैं।

एटीएम के विभिन्न इस्तेमाल – Usage of ATM

एटीएम द्वारा धन निकाशी, बैलेंस चेकिंग और मिनी स्टेटमेंट मुख्य सेवा अवश्य हैं पर केवल यह ही सिमित सेवा नहीं है जो आप ATM द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा ATM से धन राशि जमा भी की जा सकती है साथ ही आप अपना मोबाइल रिचार्ज आदि भी कर सकते हैं। अपने बिलों का भुगतान, फण्ड ट्रांसफर , लोन एप्लीकेशन आदि जैसी सुविधा भी एटीएम द्वारा पाई जा सकती हैं।

जीवन बीमा भुगतान, चेक बुक और FD करवाना जैसी सुविधाएं भी ATM पर उपलब्ध होती हैं।

ATM इस्तेमाल से जुडी सावधानियां – एटीएम से पैसे कैसे निकालें?

  1. एटीएम का पिन नंबर (सीक्रेट कोड) हमेशा सुरक्षित रखें, अगर आप लिख कर रखना चाहें तो आपको ध्यान रखना चाहिए की वह केवल आपकी पहुँच तक रहे।
  2. जब आप एटीएम कक्ष में जाएँ तो ध्यान रहे की वहां कोई और मौजूद न हो।
  3. एटीएम मशीन के कार्ड रीडर और कीपैड को ध्यान से देखें, कहीं उन पर कोई असामन्य आवरण तो नहीं है?
  4. अपने बैंक से प्राप्त किसी भी OTP या अन्य मैसेज को किसी के साथ भी शेयर न करें।
  5. धन निकाशी के बाद एटीएम कक्ष में ही नोटों की गिनती कर लें, यदि कोई त्रुटि हो तो शीघ्र बैंक को सूचित करें।
  6. किसी भी फ़ोन कॉल पर एटीएम कार्ड का नंबर, एक्सपायरी डेट, CVV कोड, OTP या पिन नंबर न बताएं। बैंकों का नियम है की वो आप से कभी भी ये जानकारी फ़ोन पर नहीं पूछेंगे।

लेख का सार – Conclusion

एटीएम एक ऐसी सुविधा है जो आप को और बैंक दोनों को फायदा पहुंचाती है, आपको अपने लेनदेन का नियंत्रण अपने हाथ में देती है तथा बैंक को ग्राहकों के नियमित जमा और निकाशी सम्बंधित लेनदेनों के कार्य से थोड़ा आराम देती है। यदि सावधानी पूर्वक इस्तेमाल किया जाए तो ATM के कोई नुक्सान नहीं हैं और केवल फायदे ही फायदे हैं।

आपके एटीएम सम्बंधित सवाल और सुझाव आमंत्रित हैं , निचे कमैंट्स में जरूर प्रतिक्रिया दें और इस लेख को शेयर भी करें।

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